Pop Ads

Wednesday 13 September 2017

बड़े काम का साबित हुआ आधार कार्ड, तीन लापता बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया


नरेंद्र के पिता को पड़ोसी के फोन पर आए कॉल से पता चला कि उनका बेटा मिल गया है। जब उन्होंने मोनू से बात की तो उन्हें महसूस हो गया कि यह बच्चा उनका बेटा ही है। इसके बाद उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा किया।
आधार कार्ड ने बिछड़े परिवारों को मिलाया। (Representative Image)
आधार कार्ड को लेकर सरकार लगातार गंभीरता दिखा रही है, वैसे तो आधार कार्ड सिर्फ एक पहचान पत्र मात्र है, लेकिन इसके जरिए परिवार फिर से एक हो सके। आधार कार्ड ने एक नहीं तीन बच्चों को फिर से उनके घरवालों से मिलवाने में मदद की। दरअसल, बेंगलुरु में अनाथ आश्रम में रहने वाले बच्चों का आधार कार्ड बनाने की मुहिम चलाई जा रही थी। इस दौरान पता चला कि तीन बच्चे ऐसे हैं जिनका आधार कार्ड पहले से बन चुका है। यह तीनों बच्चे मंदबुद्धि के कारण अपने परिवार से बिछड़ गए थे और तब से यह बेंगलुरु के अनाथ आलय में रहे हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक जब मोनू नाम के बच्चे का बायोमैट्रिक रिकॉर्ड किया गया तो पाया गया उसके डिटेल्स नरेंद्र नाम के बच्चे से मिल रहे हैं। जो कि मध्य प्रदेश का रहने वाला है। इसके बाद उसके घरवालों से संपर्क किया गया तो पता चला है कि नरेंद्र लापता है।
रिपोर्ट के मुताबिक नरेंद्र के पिता को पड़ोसी के फोन पर आए कॉल से पता चला कि उनका बेटा मिल गया है। जब उन्होंने मोनू से बात की तो उन्हें महसूस हो गया कि यह बच्चा उनका बेटा ही है। इसके बाद उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा किया। रमेश ने बताया कि वे लोग परेशान थे और बिना किसी सफलता के बेटे की तलाश कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उनका बेटा घर से लापता हो गया था। आज दो साल बाद, हमने उसे वापस पा लिया और हम बहुत खुश है। यह भगवान की कृपा है कि हमारा बेटा हमे फिर से मिल सका।
इसी तरह का दूसरा वाक्या ओम प्रकाश का है, जिनका आधार कार्ड नहीं बन सका, क्योंकि उनकी डिटेल्स झारखंड के रहने वाले एक शख्स ओम प्रकाश के ही नाम से मिल गई। ओम प्रकाश के पिता आधार की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे हैं और लोगों से आधार कार्ड के फायदों के बारे में बात कर रहे हैं। ओम प्रकाश के पिता का कहना है कि आधार कार्ड जरुरी है, सभी उम्र के लोगों, बच्चे से लेकर जवान के पास आधार कार्ड होना चाहिए। हमारे पास आधार कार्ड था, हमने उसका लाभ उठाया। तीसरा बच्चा, नीलकांत भी अपने परिवार से मिल सका क्योंकि उसकी डिटेल्स तिरुपति के रहने वाले एक शख्स से मैच हो गई।
जांच के बारे में बात करते हुए चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर दिव्या नारायनप्पा ने कहा कि वेरिफिकेशन की प्रक्रिया के दौरान उन्हें पता चला कि इन बच्चों के फिंगरप्रिन्ट्स पहले से ही रिकॉर्ड है और इनके लापता होने की शिकायत भी दर्ज है। जिसके बाद इनके परिवारों का पता लगाया गया।

सरकार का बड़ा फैसला, आधार कार्ड के बिना नहीं होंगे अब ये दो काम
सरकार का बड़ा फैसला, आधार कार्ड के बिना नहीं होंगे अब ये दो काम
 
Hindi News से जुड़े अपडेट और व्‍यूज लगातार हासिल करने के लिए हमारे साथ फेसबुक पेजऔर ट्विटर हैंडल के साथ गूगल प्लस पर जुड़ें और डाउनलोड करें

No comments:

Post a Comment