चीन की आर्मी PLA पर करीबी नजर रखने वाले वेस्टर्न मिलिट्री एक्सपर्ट्स का यह मानना है।
- +1और स्लाइड देखेंचीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक PLA ने इन ड्रिल को अंजाम दिया था।हॉन्गकॉन्ग/नई दिल्ली.डोकलाम विवाद के बीच तिब्बत और हिंद महासागर में चीन की लाइव फायर ड्रिल सिर्फ प्रोपेगैंडा थी। चीन की आर्मी PLA (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) पर करीबी नजर रखने वाले वेस्टर्न मिलिट्री एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है। बता दें कि बीजिंग की सरकारी मीडिया के मुताबिक PLA ने ही इन ड्रिल को अंजाम दिया था। चीनी सैनिकों ने खाली कारतूसों का किया था इस्तेमाल...
- न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक वेस्टर्न मिलिट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि तिब्बत आटोनॉमस रीजन (TAR) और हिंद महासागर ( Indian Ocean) के वेस्टर्न पार्ट में हुई एक्सरसाइज के दौरान चीनी सैनिकों ने खाली कारतूसों का इस्तेमाल किया था। इन ड्रिल की खबर भारत पर दबाव बनाने के मकसद से जारी की गई थी। सैनिकों की लाइव फायर ड्रिल को चीन सरकार ने प्रोपेगैंडा आर्म्स के तौर पर इस्तेमाल किया।
- बता दें कि इन ड्रिल की खबर को चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स, चाइना सेंट्रल टेलीविजन और न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने प्रमुखता से जगह दी थी।भारत ने चीन के खिलाफ खड़ा होने की हिम्मत की थी
- एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीनी मीडिया के तर्क इस बात पर आधारित थे कि भारत ने डोकलाम में चीनी गतिविधियों के खिलाफ खड़ा होने की हिम्मत की है, लिहाजा इसकी कीमत उसे चुकानी चाहिए।
- "तिब्बत आटोनॉमस रीजन में तथाकथित ड्रिल के एनालिसिस से ये साफ है कि यह गैर-पेशेवर रवैया 'कट एंड पेस्ट' नौकरियों की तरह था, जिसे चीन कई सालों से अंजाम दे रहा है। तिब्बत में दिखाए गए हथियार, मिसाइल और उनकी लॉन्च पोजिशन वास्तव में तिब्बत में तैनात मिसाइलों से दूर-दूर तक मेल नहीं खाते।"मौजूदा विवाद क्या था?
- चीन सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में सड़क बना रहा था। यह घटना जून में सामने आई थी। डोकलाम के पठार में ही चीन, सिक्किम और भूटान की सीमाएं मिलती हैं। भूटान और चीन इस इलाके पर दावा करते हैं। भारत भूटान का साथ देता है। भारत में यह इलाका डोकलाम और चीन में डोंगलाेंग कहलाता है।
- चीन ने 16 जून से यह सड़क बनानी शुरू की थी। भारत ने विरोध जताया तो चीन ने घुसपैठ कर दी थी। चीन ने भारत के दो बंकर तोड़ दिए थे।
- दरअसल, सिक्किम का मई 1975 में भारत में विलय हुआ था। चीन पहले तो सिक्किम को भारत का हिस्सा मानने से इनकार करता था। लेकिन 2003 में उसने सिक्किम को भारत के राज्य का दर्जा दे दिया। हालांकि, सिक्किम के कई इलाकों को वह अपना बताता रहा है।
72 दिन में टकराव कितना बढ़ा?
- चीन ने अपने विदेश मंत्रालय और सरकारी मीडिया के जरिए भारत को कई धमकियां दीं। हालांकि, भारत की तरफ से संयमित बयान दिए गए। सुषमा स्वराज ने संसद में कहा कि बातचीत से ही इस मसले का हल निकलेगा।
- इसी बीच, 15 अगस्त को चीन के कुछ सैनिकों ने लद्दाख की पेंगगोंग लेक के करीब भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को रोकने की कोशिश की। इसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच पहले हाथापाई हुई। बाद में मामला पत्थरबाजी तक पहुंच गया। इसके बाद माना गया कि दोनों देशों के बीच टकराव और बढ़ेगा, लेकिन डिप्लोमैटिक चैनल्स के जरिए डोकलाम विवाद 72 दिन बाद सुलझता दिखा।- 28 अगस्त को दोनों देशों ने डोकलाम एरिया में आमने-सामने तैनात अपने सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया। भारत-चीन के बीच जवानों का ‘डिसइंगेजमेंट’ करने पर रजामंदी बनी। चीन ने बॉर्डर से रोड बनाने के इक्विपमेंट और बुलडोजर्स हटा लिए। भारत ने भी वहां से अपने सैनिकों को हटा लिया। हालांकि चीन ने कहा है कि डोकलाम में उसके सैनिकों की पैट्रोलिंग जारी रहेगी।
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