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Tuesday 29 August 2017

सरकार के ज़बरदस्त दबाव, बाबा की धमकी को दरकिनार कर इस रिपोर्टर ने बदल दी TV रिपोर्टिंग

पटियाल के  तेवर इतने तीखे थे कि सूचना एवं प्रसारण  मंत्रालय को  कई न्यूज चैनल्स को फोन कर स्पॉट रिपोर्टिंग  "डाइल्यूट करने का आग्रह करना पड़ गया.

सरकार के ज़बरदस्त दबाव, बाबा की धमकी को  दरकिनार कर इस रिपोर्टर ने बदल दी TV रिपोर्टिंग
28 August 07:11 2017

नई दिल्लीः
अमूमन स्थानीय रिपोर्टर सरकार के दबाव में मज़बूरन झुक जाते हैं लेकिन एबीपी के पंजाब एवं हरियाणा के ब्यूरो प्रमुख जगविंदर  पटियाल ने शानदार रिपोर्टिंग कर बाबा राम रहीम और हरियाणा सरकार का वो चेहरा बेनकाब किया जिसकी हिम्मत दिल्ली के बड़े बड़े पत्रकार नहीं कर पाए. गोलीबारी  और आगजनी के बीच पटियाल ने जान हथेली पर रखकर जिस तरह  बाबा रहीम काण्ड में फैसले की रिपोर्टिंग की उससे हरियाणा के मुख्यमंत्री क्या प्रधानमंत्री तक हिल गए. फैसले के खून खराबे वाले दिन पटियाल देश की आवाज़ बनकर सारी साज़िश का खुलासा कर रहे थे.
पटियाल के  तेवर इतने तीखे थे कि सूचना एवं प्रसारण  मंत्रालय को  कई न्यूज चैनल्स को फोन कर स्पॉट रिपोर्टिंग  "डाइल्यूट करने का आग्रह करना पड़ गया. सड़क पर हो रही हिंसा की  लाइव तस्वीरें कहीं जनता में भय ना पैदा कर दें इसलिए न्यूज़ चैनलों ने  बात मानते हुए  शाम छह बजे  के बाद मौके से रिपोर्टिंग को धीरे धीरे  कम दिखाना शुरू किया. लेकिन अगले दिन, पटियाल फिर सारे तेवर के साथ स्क्रीन पर दिखे और उन्होंने लचर व्यवस्था की फिर बेधड़क पोल खोलनी शुरू की.
सोमवार को सज़ा सुनाए जाने के दिन पटियाल फिर गरजे. उन्होंने खुलासा किया कि बाबा की जीप से मशीनगन  बरामद हुई है. सिरसा के डेरा में माउज़र पिस्तौल से लेकर एके राइफल जैसे हथियारों का अंबार लगा है. पटियाल  ने  एक्टिविस्ट रिपोर्टर की तरह बाबा के हर घिनौने धतकरम  और उसके बड़े नेताओं  के साथ साठगांठ का टीवी परदे पर सजीव पर्दाफाश  किया. इस घटना पर पटियाल की रिपोर्टिंग ने सबको ढेर किया है. चाहे एबीपी के ही कुछ भारी भारी  भरकम धर्मनिरपेक्ष एंकर हों, ज़ी न्यूज़ के राष्ट्रवादी शेर  या आज तक के क्रांतिकारी एंकर हो, सब के सब बौने लगने लगे. सच तो ये है कि पटियाल इतनी बहादुरी उस वक़्त दिखा रहे थे जब उन्हें डेरे के हथियार बंद गुंडे और बाबा के कुछ माफिया टाइप चेले धमकियाँ दे रहे थे.


इंडिया संवाद यूँ तो किसी पत्रकार के बारे में अलग से खबर नहीं करता लेकिन पटियाल की  जिगर वाली रिपोर्टिंग से प्रभावित होकर  सारे सम्पादकीय सदस्यों ने उनके समर्थन में ये खबर लिखने की सहमति जताई. हद तो तब हुई जब सज़ा सुनाने के दिन पटियाल के आगे  आजतक एक रिपोर्टर न खड़ा कर सका. जिस वक़्त पटियाल गरज़ रहे थे उस वक़्त आजतक ने इतनी बड़ी न्यूज़ कवरेज के दिन सास बहु शो के स्लॉट को ड्राप नहीं किया और काफी देर तक खबर की जगह मनोरंजन को  तरजीह दी.तीन बजे के बाद आजतक ने खबर दिखानी शुरू की. बहरहाल  पटियाल की धुआंधार ,बेख़ौफ़ और खोजी ब्रेकिंग न्यूज़ के आगे कोई टिक नहीं पा रहा था. यहां तक कि बलात्कारी बाबा को दस साल कैद की सजा सबसे पहले जगविंदर पटियाल ने ही ब्रेक की।  इंडिया संवाद ने भी उनके कई खुलासों को बाकी  मीडिया की तरह वेबसाइट पर प्रकाशित किया.

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