दोस्तों आज हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं 3 Success Story of Businessman in Hindi | सफल उद्योगपति की कहानी. 1.Success Story of Flipkart in hindi 2. success story of Snap deal 3. Success Story of ebay जिसका उद्देश्य सभी युवाओं को आगे बढ़ने के लिए उत्साहित करना है | चलिए पढ़ते हैं Inspirational Story in hindi
Success Story of Businessman in Hindi | सफल उद्योगपति की कहानी
1. Success Story of E-Commerce Business Flipkart in hindi
Flipkart संस्थापक – Sachin Bansal and Binny Bansal, were working for Amazon.com
Both of them are alumni of IIT, Delhi and are native of Chandigarh, India.
Both of them are alumni of IIT, Delhi and are native of Chandigarh, India.
कैसे हुई Flipkart की शुरुआत –
कोई भी सफलता की कहानी एक थॉट से start होती है और ऐसा ही Flipkart के साथ हुआ |
सचिन बंसल और बिन्नी बंसल , के mind में भी एक idea आया और idea एक्शन में बदलते हुए एक company के रूप में बदल गया |
और 2007 में एक company की शुरुआत हुई जिसका नाम था “Flipkart”
सचिन बंसल और बिन्नी बंसल , के mind में भी एक idea आया और idea एक्शन में बदलते हुए एक company के रूप में बदल गया |
और 2007 में एक company की शुरुआत हुई जिसका नाम था “Flipkart”
Flipkart ने सबसे पहले “book- leaving Microsoft to change the world” बेचने से शुरुआत करी और जल्द ही Daily use से लेकर laptop , mobile अदि सभी चीज़े Flipkart पर बिकने लगी
Must Read Business Tips in Hindi
Flip kart के रस्ते में क्या मुश्किलए आई –
सचिन बंसल और बिन्नी बंसल के साथ सबसे बढ़ी मुस्किल थी लोगो का विश्वास जीतना –
जिस समय यह company बानी उस समय भारत में eCommerce company का शुरुआती दौर ही चल रहा था
जिस समय यह company बानी उस समय भारत में eCommerce company का शुरुआती दौर ही चल रहा था
उस समय India के 80% लोगो की मानसिकता थी की कोई भी चीज़ बिना देखे बिना छुए कैसे खरीदी जा सकती है
दूसरी सबसे बढ़ी मुस्किल थी online payment –
कोई भी उस समय online payment को सही नहीं मंटा था इसके लिए flip kart ने “cash on delivery “ start किया जो आज सभी eCommerce company follow कर रही हैं |
कोई भी उस समय online payment को सही नहीं मंटा था इसके लिए flip kart ने “cash on delivery “ start किया जो आज सभी eCommerce company follow कर रही हैं |
Flipkart की सफलता ( Success story of Flipkart )-
2007 में एक book बेचने से शुरुआत करने वाली company ने 2008-2009 तक 40 million रूपये की बिक्री कर दी और जो 2016 में $ 15 billion पहुंच गयी |
eCommerce भारत में नयी उचाई छू रहा है जिसका श्रेय Flipkart को जाता है .
eCommerce भारत में नयी उचाई छू रहा है जिसका श्रेय Flipkart को जाता है .
Flikart ने सिद्ध कर दिया अगर आप एक अच्छा विचार सोच सकते हो और उस पर सही दिशा में काम करते हो तो सफलता आपकी ज़रूर होगी |और Flikart ने भारत में युवायो के लिए अपना बिज़नेस स्टार्ट करके की दिशा ही खोल दी|
Read Business Ideas in Hindi with low investment
2. Success Story of Businessman Kunal Bahl – Snapdeal in Hindi
Snapdeal के संस्थापक – कुणाल बहल Kunal Bahl (Wharton graduate dual degree M&T Engineering and Business program ) और रोहित बंसल Rohit Bansal (an alumnus of IIT Delhi in February 2010)
Headquarter in NewDelhi
कैसे हुई Snapdeal की शुरुआत –
Snapdeal का शुभारम्भ २०१० में हुआ | इसके संस्थापक है कुणाल बहल और रोहित बंसल | २०१० में कुणाल बहल और रोहित बंसल ने अपना खुद का बिज़नस शुरू करने का सोचा और इन्होंने MoneySaver नाम की एक कंपनी खोली | इस कंपनी ने ३ महीने में ही अच्छी सफलता प्राप्त कर ली तो कुणाल बहल और रोहित बंसल ने इस कंपनी को और आगे बढ़ाने की सोचा |
अब ज़रूरत थी Business में पैसे Investor की तो इन्होंने Vani कोला से बात की जो शुरुआत में इतनी सफल नहीं रही | पर अपनी दूसरी मुलाकात के बाद Vani कोला सांप डील में इन्वेर्स्ट करने को तैयार हो गए | और २०१० में Snapdeal ऑनलाइन हो गयी |
शुरुआत में कई महीने तक कुणाल बहल और रोहित बंसल से कई गलतिया हुई | और उन्होंने इन गलतियों से सीख |
कुणाल बहल और रोहित बंसल ने २०११ में चीन की eCommerce Company Alibaba की सफलता के बाद उसी रस्ते पर चले |
और २०११ में स्नपडील में एक बहुत बढ़ बदलाव आया | जिसका निर्णय लेना कुणाल बहल और रोहित बंसल के लिए बहुत RISKY था |
और कुणाल बहल और रोहित बंसल अपने निर्णय में सफल हुए आज स्नपडील के पास 275,000 sellers, over 30 million प्रोडक्ट्स है जो बहरत के ६००० शहरो में अपनी सेवा देते हैं |
मार्च २०१५ में स्नपडील ने आमिर खान को अपना ब्राण्डअम्बेसडोर चुना |
इस कंपनी की बार्षिक सफलता ६००% साल दर साल बढ़ती जा रही है
कुणाल बहल और रोहित बंसल की लगन , मेहनत और ईमानदारी से इस कमपनी ने यह मुकाम पाया है |
किसिस भी सफलता के लिए एक महान विचार की ज़रूरत होती है और इससे भी ज़्यादा ज़रूरी है अपने विचार पर विश्वास रखना.
अब ज़रूरत थी Business में पैसे Investor की तो इन्होंने Vani कोला से बात की जो शुरुआत में इतनी सफल नहीं रही | पर अपनी दूसरी मुलाकात के बाद Vani कोला सांप डील में इन्वेर्स्ट करने को तैयार हो गए | और २०१० में Snapdeal ऑनलाइन हो गयी |
शुरुआत में कई महीने तक कुणाल बहल और रोहित बंसल से कई गलतिया हुई | और उन्होंने इन गलतियों से सीख |
कुणाल बहल और रोहित बंसल ने २०११ में चीन की eCommerce Company Alibaba की सफलता के बाद उसी रस्ते पर चले |
और २०११ में स्नपडील में एक बहुत बढ़ बदलाव आया | जिसका निर्णय लेना कुणाल बहल और रोहित बंसल के लिए बहुत RISKY था |
और कुणाल बहल और रोहित बंसल अपने निर्णय में सफल हुए आज स्नपडील के पास 275,000 sellers, over 30 million प्रोडक्ट्स है जो बहरत के ६००० शहरो में अपनी सेवा देते हैं |
मार्च २०१५ में स्नपडील ने आमिर खान को अपना ब्राण्डअम्बेसडोर चुना |
इस कंपनी की बार्षिक सफलता ६००% साल दर साल बढ़ती जा रही है
कुणाल बहल और रोहित बंसल की लगन , मेहनत और ईमानदारी से इस कमपनी ने यह मुकाम पाया है |
किसिस भी सफलता के लिए एक महान विचार की ज़रूरत होती है और इससे भी ज़्यादा ज़रूरी है अपने विचार पर विश्वास रखना.
Success of Snapdeal
२०११ में स्नैपडील ने Grabbon.com. को खरीद लिया
२०१२ में esportsbuy.com
२०१२ में esportsbuy.com
२०१३में Shopo.in
२०१४ में Wishpicker.com.
२०१५ में Exclusively.in. and 20% stake in Gojavas.com
२०१४ में Wishpicker.com.
२०१५ में Exclusively.in. and 20% stake in Gojavas.com
Success Story of Businessman in Hindi
Must Read Success Story Wipro
3. EBay Success Story in hindi
Ebay .com की शुरुआत Pierre Omidyar पियेर ओमिदयार ने की . यह एक international e commerce website है . Ebay online shopping के साथ दुनिया की पहली online Auction (online नीलामी ) की website हैं . जहाँ आप register करके online नीलामी भी कर सकते हैं .
4 september 1995 ko Pierre Omidyar ने auctionweb website शुरू की और बाद में 1997 में इसका नाम Ebay कर दिया गया . Pierre Omidyar एक ऐसी website बनाना चाहते थे जहाँ लोग internet पर सामान को खरीद बेच सकें .
4 september 1995 ko Pierre Omidyar ने auctionweb website शुरू की और बाद में 1997 में इसका नाम Ebay कर दिया गया . Pierre Omidyar एक ऐसी website बनाना चाहते थे जहाँ लोग internet पर सामान को खरीद बेच सकें .
May 1998 तक Ebay पर करीब 1 crore सामान नीलम हो चुके थे और august ,1998 में 10 लाख लोग इसके member हो चुके थे . शुरुआत के 2 साल m hui . Ab aap agey padh ke आश्चर्यचकित ho jaenge . Pierre Omidyar दुनिया के 140 आमिर आदमी में गिने जाते है
आज ebay में 35000 empolyee काम करते हैं .IBM जैसी कंपनिया भी ebay पे online सामान बेचती है . ebay करीब 38 country में कारोबार करती है .2002 में Ebay ने paypal को खरीद लिया |
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