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Wednesday 25 October 2017

मैंने घबराकर एक जीवनरक्षक गुब्बारा पकड़ा और खुद को समुद्र को सौंप दिया

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हम सभी घबराए हुए थे। घबराए भी क्यों नहीं, हमारे चार साथी बीच समुद्र में हमारे छोटे से जहाज से गायब हो चुके थे, वो भी बिना किसी सूचना के। अब जहाज पर खलासी के बतौर सिर्फ तीन लोग ही बचे थे मैं, एडम और जोनाथन। बाकी तीन हमारे मालिक जैसे थे, जहाज का और हमारा मालिक नेवल स्पार्ट, उसकी बेइंतहा खूबसूरत बेटी एंजिला और वो जिससे हमको सबसे ज्यादा डर लगता था, भगवान और शैतान से भी ज्यादा, बार्बरस बदनाम।

उस रात न जाने क्यों जहाज के मेन हॉल में कोई नहीं था। मौका देखकर जोनाथन एक चार्ट लेकर वहां आया। मैं और एडम जहाज के भविष्य और समुद्र के खूंखार मिजाज पर चर्चा कर रहे थे, जो आज ज्यादा ही भयंकर लग रहा था। मानों हर लहर गा रही थी, आओ मौत की बाहों में पुकारती तुमको आओ। हमें लग रहा था हमारे चारों साथी जो गायब थे, हमको पुकार रहे थे और कह रहे थे आओ हमारे पास नर्क की गहराइयों में।

जोनाथन ने चार्ट बिछाया, आओ हम अपना भविष्य जानें। मैंने देखा वो एक प्लेन चैट का चार्ट था। समुद्र में आत्माएं धरती से सौगुना अधिक ताकतवर होती हैं। हे मजाक मत करो, एडम बोला। वो मेरी ही तरह परेशान था। नहीं यार, तुम इसे मजाक ही मान लो, पर एक बार मेरे साथ इस पर आत्मा को बुलाओ, मुझे उससे कुछ पूछना है। मैं और एडम इस बात को पसंद नहीं कर रहे थे, पर न जाने क्यों हम उसके साथ बैठ गए। शायद हमें आने वाली कयामत की खबर नहीं थी।

हमने गोटी पर हाथ रखा। यहां एक आत्मा है… यहां एक आत्मा है… जोनाथन बुदबुदाया। हमने आंखें बंद कर रखी थीं। अचानक ऐसा लगा गोटी हमारी उंगली के नीचे नहीं है, हमने आंखें खोलीं, गोटी चार्ट पर आ चुकी थी। हम चुप थे, क्योंकि काम जोनाथन को था। फेथ… फेथ… फेथ… आप यहां हैं? जोनाथन ने पूछा। गोटी यस पर टिक गई। जोनाथन ने विजेता की तरह हमारा मुंह देखा। फेथ… फेथ… फेथ… आपका नाम।

गोटी डी पर धीरे से जाकर रुकी और फिर ई, वी, आई और एल को तेजी से पार कर गई। जोनाथन ने हमारा मुंह देखा। आपका जन्म कब हुआ था फेथ…। गोटी एन पर धीरे से जाकर रुकी और फिर ई,वी,ई, आर को तेजी से पार कर गई फिर एक वाक्य उभरा नेवर डॉय नेवर बॉर्न। एक लहर ने पूरे समुद्र जहाज को कंपा दिया।

आप कहां से आए हैं… डूम्स हेल। जोनाथन ने फीके और डर से पीले पड़े मुंह से मुझे और एडम को देखा। हम तीनों एक दूसरे का मुंह ताक रहे थे। हमारे जहाज का भविष्य क्या है? जोनाथन ने बात बदलते हुए पूछा। चार्ट पर जो उभरा वो हमारे होश उड़ानेवाला था। डिस्ट्रक्शन एंड टोटल एपोक्लिप्स (विनाश और संपूर्ण महाविनाश)।

हमारा भविष्य, जोनाथन का मुंह पीला पड़ चुका था। डेथ… ए डेथ वन नेवर एक्सपेक्ट टू बी हैपेन (मौत… एक ऐसी मौत जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता)। जोनाथन एकदम खड़ा हो गया, जो प्लेनचेट के नियम के बिलकुल विरुद्ध था। जोनाथन रुको, एडम चिल्लाया। जोनाथन भागा। उसके पीछे एडम और फिर मैं।

एक भयंकर लहर आई और पूरा जहाज हिल उठा। हमें भयंकर रूप से गोलियां चलने की आवाज आई। हम तीनों बाहर निकलकर पीछे की ओर भागे। मैंने भागते हुए खिड़की से हॉल में देखा। एंजिला और बार्बरस बदनाम अब वहां थे। बार्बरस एंजिला की ओर बढ़ रहा था और वो पीछे जा रही थी।

अब मैं तुम्हे बताऊंगा कि बारस, बार्बरस का छोटा नाम, क्या चीज है? मैं उसकी कोई मदद नहीं कर सकता था। हमें ये भी नहीं मालूम था कि नेवल कहां है? मैंने घबराकर एक हवा से भरा जीवनरक्षक गुब्बारा पकड़ा और अपने आप को समुद्र को सौंप दिया।

यहां पढ़ें छठ महापर्व की पूजन विधि, इन बातों का रखें ध्‍यान खुश होंगे सूर्य भगवान


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आज से छठ महापर्व की शुरुआत हो गई है। चार दिन तक चलने वाली छठ पूजा में कुछ खास बातों का ध्‍यान रखना जरूरी होता है। आइए यहां पर पढ़े इस महापर्व की पूजन विधि...
पहले दिन नहा खा होता
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से छठ पूजा शुरू होती है। इसका समापन सप्तमी तिथि को होता है। इस पूजा में चतुर्थी के दिन 'नहा-खा'  होता है। इस द‍िन सूर्योदय के समय स्नान और फिर भोजन ग्रहण किया जाता है। भोजन में कद्दू चने की दाल और चावल मुख्‍य रूप से शामिल होता है। 

दूसरे दिन खरना का प्रसाद
इसके बाद दूसरे दिन पंचमी को खरना होता है। इस दिन निर्जला उपवास और शाम को सूर्यास्‍त के बाद खरना का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। खरना के प्रसाद में गन्ने के रस ओर दूध में बने हुए चावल की खीर,  चावल का पीठा और घी की चुपड़ी रोटी शामिल होती है। यह प्रसाद सभी लोगों को बटता है। 
तीसरे दिन सूर्य को अर्घ्‍य
तीसरे दिन षष्ठी तिथि पर छठ का प्रसाद बनता है और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्‍य देते हैं। छठ पूजा में प्रसाद के रूप में ठेकुआ यानी कि टिकरी और चावल के लड्डू यानी कि लडुवा बनाए जाते हैं। इसके अलावा चढ़ावे सांचा और फल भी चढाए जाते हैं। पूजा के बाद इनका प्रसाद वितरण किया जाता है। 

चौथे दिन व्रत पूरा होता 
चौथे दिन सप्तमी की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्‍य देने के बाद व्रत तोडऩे की प्रक्रिया होती है। इस दिन उसी जगह पर सूर्य को अर्घ्‍य दिया जाता है जहां पर पूर्व संध्‍या को दिया गया था। पूजा करने के बाद व्रत धारी कच्चे दूध का शरबत पीने के साथ ही थोड़ा सा प्रसाद खाकर अपना उपवास पूरा करते हैं।

इन बातों का रखें ध्‍यान
छठ पूजा में साफ-सफाई का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए। खरना के प्रसाद में नमक और चीनी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अर्घ्य में चढ़ाए जाने वाला प्रसाद बनाने तक कुछ नहीं खाना चाहिए। उपवास के दौरान झूठ न बोलें और मांसाहार व मदिरा आदि सेवन बिल्‍कुल नहीं करना चाहिए।